Home देश-दुनिया कोर्ट ने आरोपी असद खान को जमानत देने से किया इनकार, कहा- अपराध की प्रकृति गंभीर

कोर्ट ने आरोपी असद खान को जमानत देने से किया इनकार, कहा- अपराध की प्रकृति गंभीर

by admin

मुंबई(ए)।  मुंबई की एक विशेष अदालत ने 2012 के पुणे बम धमाकों के आरोपी असद खान को जमानत देने से इनकार कर दिया है। असद खान ने 13 साल जेल में रहने के आधार पर जमानत मांगी थी। अदालत ने कहा कि अपराध की गंभीरता और आरोपी की प्रमुख भूमिका को देखते हुए केवल लंबी कैद के कारण जमानत देना उचित नहीं है। महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत की जज शयाना पाटिल ने यह आदेश इस महीने दिया था। इस आदेश में कहा गया हैकि यह साजिश जनता में भय फैलाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए की गई थी। एक अगस्त 2012 को पुणे में पांच बम धमाके हुए थे। इसके अलावा एक जगह से एक जिंदा बम भी मिला था। घटना में किसी की मौत नहीं हुई लेकिन एक व्यक्ति घायल हुआ था। अभियोजन का कहना है कि यह धमाके इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य कातिल सिद्दीकी की मौत का बदला लेने के लिए किए गए थे। इस मामले में कुल नौ आरोपी हैं। असद खान को 20 दिसंबर 2012 को गिरफ्तार किया गया था और वह लगभग 13 साल से हिरासत में है। खान ने मुख्य रूप से इस आधार पर जमानत मांगी कि उसे दिसंबर 2012 में गिरफ्तार किया गया था जबकि उसके खिलाफ आरोप अप्रैल 2022 में लगाए गए। खान ने कहा कि उसकी नौ साल और चार महीने की बिना मुकदमे की हिरासत और चार साल बाद भी केवल 316 में से 17 गवाहों की सुनवाई हो पाई है, जिससे मुकदमा जल्द खत्म होने की संभावना नहीं दिखती। खान ने इस लंबी हिरासत को  उसके व्यक्तिगत जीवन, निजी स्वतंत्रता और जल्द न्याय पाने के अधिकार का उल्लंघन बताया।

अभियोजन पक्ष ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि असद खान की इस अपराध में सक्रिय और प्रमुख भूमिका के पर्याप्त प्रमाण हैं। अभियोजन ने कहा कि खान बम लगाने और विस्फोटक तैयार करने वाले सामान के मामले में शामिल था, जो जांच के दौरान जब्त किया गया था। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद अदालत ने कहा कि आरोपी पर गंभीर अपराधों के आरोप हैं जैसे बम बनाना, साजिश रचना और पुणे जैसे कई स्थानों पर धमाके करने की योजना। अदालत ने कहा कि गवाहों के बयान दर्ज करने में देरी आरोपी की ओर दायर की गई याचिकाओं के कारण भी हुई है। इसलिए, मुकदमे में देरी का दोष केवल अभियोजन पक्ष पर नहीं डाला जा सकता। अदालत ने पाया कि अभियोजन के पास खान की प्रमुख भूमिका के पर्याप्त सबूत हैं।

Share with your Friends

Related Posts