Home छत्तीसगढ़ अब बस्तर बंदूक नहीं, विकास के लिए पहचाना जाएगा : विष्णुदेव साय

अब बस्तर बंदूक नहीं, विकास के लिए पहचाना जाएगा : विष्णुदेव साय

by admin

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। माओवादी संगठन के शीर्ष नेता बसवराजु का खात्मा इसी दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह पूरे देश के लिए एक बड़ी कामयाबी है और इसका श्रेय हमारे वीर जवानों को जाता है। मैं प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री  अमित शाह का विशेष आभार प्रकट करता हूं, जिनके मजबूत नेतृत्व और स्पष्ट नीति के कारण यह संभव हो सका। यह कहना है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय का, जिन्होंने नारायणपुर जिले में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान की बड़ी सफलता पर प्रतिक्रिया दी। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के घने जंगलों में चल रहे ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने अब तक 27  नक्सलियों को मार गिराया है। सबसे बड़ी बात यह है कि मुठभेड़ में माओवादी महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजु को ढेर कर दिया गया है। उस पर भारत सरकार ने 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था। बसवराजु की मौत को सुरक्षा एजेंसियां नक्सली नेटवर्क की रीढ़ तोड़ने वाला कदम मान रही हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह केवल एक मुठभेड़ नहीं, बल्कि बस्तर के भविष्य को बदलने वाला क्षण है। अब वह समय दूर नहीं जब बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जैसे क्षेत्र हिंसा नहीं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन के केंद्र के रूप में जाने जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार नक्सलवाद के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति पर अडिग है और ऑपरेशन को अंतिम छोर तक पहुंचाया जाएगा। इस कार्रवाई में शामिल सुरक्षाबलों को मुख्यमंत्री ने सलाम करते हुए कहा कि इनकी बहादुरी ने इतिहास रच दिया है। यह सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे भारत की जीत है। विशेषज्ञों का मानना है कि बसवराजु की मौत से माओवादी संगठन में गहरी हलचल होगी और उनके नेटवर्क के टूटने की प्रक्रिया अब तेज़ हो जाएगी। यह मुठभेड़ नक्सलवाद के खात्मे की ओर बढ़ते भारत की नई तस्वीर है।

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