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नईदिल्ली(ए)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि भारत तकनीक-आधारित विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और ऐसे समय में युवाओं के लिए जरूरी है कि वे उन्नत तकनीकी कौशल को अपनाएं और समय के साथ खुद को ढालें। उन्होंने कहा कि कौशल और ज्ञान किसी भी देश की आर्थिक वृद्धि और सामाजिक प्रगति के असली इंजन होते हैं।
सांख्यिकीय सेवा की भूमिका
इस अवसर पर भारतीय सांख्यिकीय सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से भी मुलाकात हुई। राष्ट्रपति ने कहा कि नीतियों के निर्माण और उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सटीक सांख्यिकीय विश्लेषण बेहद जरूरी है। आज के डेटा-आधारित दौर में सांख्यिकी का महत्व और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि सही और मापने योग्य संकेतक ही शासन को मजबूत और पारदर्शी बना सकते हैं।
इस अवसर पर भारतीय सांख्यिकीय सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से भी मुलाकात हुई। राष्ट्रपति ने कहा कि नीतियों के निर्माण और उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सटीक सांख्यिकीय विश्लेषण बेहद जरूरी है। आज के डेटा-आधारित दौर में सांख्यिकी का महत्व और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि सही और मापने योग्य संकेतक ही शासन को मजबूत और पारदर्शी बना सकते हैं।
इंजीनियरिंग सेवा पर विचार
राष्ट्रपति ने केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इंजीनियर किसी भी देश की तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास के अहम स्तंभ होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रही है, ऐसे में इंजीनियरों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने साथ ही सतत विकास की दिशा में भी ध्यान देने की आवश्यकता बताई।
डिजिटल बदलाव और पारदर्शिता
मुर्मू ने कहा कि भारत सामाजिक-आर्थिक और डिजिटल परिवर्तन के नए युग में प्रवेश कर चुका है। नई तकनीकों के अपनाए जाने से शासन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी है। ये तकनीकी पहलें लगातार डेटा उपलब्ध कराती हैं, जिससे सरकार को बेहतर और प्रभावी निर्णय लेने में मदद मिलती है।
राष्ट्रपति ने केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इंजीनियर किसी भी देश की तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास के अहम स्तंभ होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रही है, ऐसे में इंजीनियरों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने साथ ही सतत विकास की दिशा में भी ध्यान देने की आवश्यकता बताई।
डिजिटल बदलाव और पारदर्शिता
मुर्मू ने कहा कि भारत सामाजिक-आर्थिक और डिजिटल परिवर्तन के नए युग में प्रवेश कर चुका है। नई तकनीकों के अपनाए जाने से शासन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी है। ये तकनीकी पहलें लगातार डेटा उपलब्ध कराती हैं, जिससे सरकार को बेहतर और प्रभावी निर्णय लेने में मदद मिलती है।