नईदिल्ली (ए)। देश के स्कूलों में टीन की छत (एस्बेस्टस) से होने वाले वायु प्रदूषण और बच्चों की सेहत को बचाने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इन्हें हटाने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। न्यायिक सदस्य अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की पीठ ने स्कूलों की छतों में इस्तेमाल होने वाली जहरीली एस्बेस्टस शीट्स को पूरी तरह हटाने का आदेश दिया। ये शीट्स फेफड़ों, खासकर बच्चों के लिए खतरनाक बीमारियां पैदा कर सकती हैं। एनजीटी ने देशभर के सरकारी और निजी स्कूलों को एक साल के अंदर इन्हें हटाकर सुरक्षित विकल्प लगाने को कहा है। एनजीटी ने आदेश में कहा है कि यदि छत की शीट अच्छी स्थिति में है, तो उसे हटाने की जरूरत नहीं, लेकिन उस पर पेंट या सुरक्षात्मक कोटिंग लगाई जानी चाहिए। अगर शीट खराब हो चुकी है, तो उसे तुरंत गीला करके और विशेषज्ञों की मदद से हटाया जाए, ताकि हवा में हानिकारक रेशे न फैलें। वहीं, स्कूलों को सिर्फ प्रमाणित पेशेवरों से ही ऐसी सामग्री की मरम्मत, स्थापना या हटाने का कार्य कराना होगा। इसके अलावा, स्कूल कर्मचारियों को एस्बेस्टस से जुड़े जोखिमों और सुरक्षा उपायों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एनजीटी ने कहा, यह फैसला पर्यावरण संरक्षण कानून 1986 और हवा प्रदूषण रोकथाम कानून 1981 के तहत है। सावधानी का सिद्धांत अपनाते हुए बच्चों की सेहत को प्राथमिकता दी गई। ट्रिब्यूनल ने खुद मॉनिटरिंग का जिम्मा लिया है। न्यायमित्र प्रोग्रेस चेक करेंगे।