Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा का डिजिटल रूपांतरण तेज़—INFLIBNET सेवाओं के विस्तार की प्रक्रिया शुरू

छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा का डिजिटल रूपांतरण तेज़—INFLIBNET सेवाओं के विस्तार की प्रक्रिया शुरू

by admin

रायपुर। छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा के डिजिटलीकरण और शोध पारदर्शिता को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने INFLIBNET (Information and Library Network) सेवाओं के राज्यव्यापी क्रियान्वयन की पहल तेज कर दी है। INFLIBNET, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) एवं शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार का अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र है, देशभर के शैक्षणिक समुदाय को लाइब्रेरी ऑटोमेशन, डिजिटल संसाधन, शोध प्रबंधन, ई-कंटेंट, प्लेगरिज्म डिटेक्शन और अकादमिक प्रोफाइलिंग जैसी महत्वपूर्ण सेवाएँ लगभग निःशुल्क प्रदान करता है।

इन सेवाओं के कार्यान्वयन से राज्य के सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में शिक्षण, अधिगम और शोध गतिविधियों को बड़ा तकनीकी संबल मिलेगा। क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म से विश्वविद्यालयों के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर वित्तीय बोझ भी कम होगा। छत्तीसगढ़ में INFLIBNET सेवाओं का यह एकीकृत क्रियान्वयन राज्य की अकादमिक व्यवस्था में डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी बदलाव साबित होगा।

09 दिसंबर को पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सभागार में 9 विश्वविद्यालय एवं 335 महाविद्यालयों के नोडल अधिकारियों को ONOS (One Nation One Subscription ) योजना के तहत विस्तृत जानकारी दी जायेगी। कार्यशाला के पश्चात उच्च शिक्षा विभाग (DHE), INFLIBNET और राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के बीच त्रिपक्षीय MoU निष्पादित किए जाएंगे, जो राज्य में शैक्षणिक डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा। इस MoU साइनिंग सेरेमनी में सचिव, उच्च शिक्षा विभाग डॉ. एस. भारतीदासन,उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. संतोष कुमार देवांगन,विश्वविद्यालयों के कुलपति और INFLIBNET के वरिष्ठ प्रतिनिधि भाग लेंगे। राज्य के लिए महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं को मिलेंगे बड़े लाभ INFLIBNET की प्रमुख सेवाओं से छत्तीसगढ़ को बड़ा लाभ मिलने जा रहा है।

इसमें प्रमुख रूप से SOUL के माध्यम से लाइब्रेरी ऑटोमेशन,शोधगंगा, शोधशुद्धि, शोधचक्र, IIRINS के माध्यम से शोध का डिजिटलीकरण,शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम,रिसोर्स शेयरिंग से दोहराव में कमी और सहयोग में वृद्धि होगी। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है, जिसमें शिक्षा एवं शोध में डिजिटल तकनीकों के व्यापक उपयोग पर बल दिया गया है।

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