नईदिल्ली (ए)। केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सोमवार को नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-खापलांग (NSCN-K) पर शिकंजा कस दिया है। गृह मंत्रालय ने NSCN-K और उससे जुड़े सभी गुटों, शाखाओं और संगठनों को 5 साल के लिए ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित कर दिया है। यह प्रतिबंध 28 सितंबर से तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में इस प्रतिबंध का कारण स्पष्ट किया गया है। मंत्रालय के अनुसार, NSCN-K का मुख्य उद्देश्य भारत और म्यांमार के क्षेत्रों को मिलाकर एक ‘संप्रभु नागालैंड’ की स्थापना करना है, जो सीधे तौर पर भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए एक गंभीर खतरा है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि यह संगठन सरकारी अधिकारियों और आम नागरिकों के अपहरण जैसी हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों में लगातार शामिल रहा है। सरकार ने साफ किया कि ऐसे संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगाना और उनके खिलाफ कड़े कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है।
इस फैसले के बाद अब सुरक्षा एजेंसियों को NSCN-K और उसके गुटों की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार मिल जाएगा। इसके साथ ही, संगठन में काम करने वाले या किसी भी रूप में इससे जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का यह कदम न केवल सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए है, बल्कि यह पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने की एक महत्वपूर्ण कोशिश भी है। सरकार ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तत्काल स्थानीय प्रशासन या पुलिस को दें।