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रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में सम्पन्न जीएसटी काउंसिल बैठक में घोषित जीएसटी रिफॉर्म्स 2.0, जिसमें कई उत्पादों पर जीएसटी घटाने, 12% और 18% के स्लैब को ख़त्म करने, रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को सरल बनाने, छोटे व्यापारियों के लिए कंप्लायंस घटाने और टैक्स विवाद समाधान के लिए वन-टाइम सेटलमेंट जैसी ऐतिहासिक घोषणाएँ शामिल हैं, को लेकर छत्तीसगढ़ में चलाया गया सोशल मीडिया प्रचार अभियान अभूतपूर्व रूप से सफल रहा। छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के आईटी और सोशल मीडिया सेल ने इसे पूरी तरह जनता केंद्रित शैली में तैयार किया, जिसके कारण यह फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, यूट्यूब और व्हाट्सऐप जैसे सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर लगातार छाया रहा।
अभियान की सबसे बड़ी ताकत इसकी भाषा और प्रस्तुति रही। हर पोस्ट, ग्राफिक, शॉर्ट वीडियो और रील को इस अंदाज़ में तैयार किया गया कि कोई भी आम व्यक्ति, चाहे व्यापारी हो या छात्र, स्वरोजगार से जुड़ा युवा हो या गृहिणी वह तुरंत समझ सके कि जीएसटी रिफॉर्म्स 2.0 उसके जीवन में क्या बदलाव लाने वाला है। यही कारण है कि “जीएसटी से क्या बदलेगा”, “व्यापारी को क्या लाभ”, “जनता का टैक्स अब कितना आसान” जैसे शीर्षकों वाली पोस्ट न केवल देखी गईं बल्कि बड़े पैमाने पर शेयर भी की गईं।
प्रदेश के सभी मंत्रीगण, विधायकगण और जिला-मंडल स्तर के पदाधिकारीगण ने भी अपने-अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स से इन ग्राफिक्स और रील्स को लगातार पोस्ट और रीशेयर किया, जिससे यह अभियान स्वाभाविक रूप से ट्रेंड करता गया। कई जिलों में #GSTReforms और #ThanksModiJi जैसे हैशटैग लंबे समय तक सक्रिय रहे, वहीं व्हाट्स एप ब्रॉडकास्ट ग्रुप्स के माध्यम से बनाई गई छोटी-छोटी वीडियोज़ और कार्ड लाखों मोबाइल उपयोगकर्ताओं तक पहुँचे।
भाजपा सोशल मीडिया ने इस पूरे अभियान को “डिजिटल जनसंपर्क” की तर्ज़ पर संचालित किया, जिसका उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं, बल्कि जनता को यह महसूस कराना था कि यह सुधार सिर्फ़ कागज़ों पर नहीं बल्कि उनके दैनिक जीवन को सरल बनाने के लिए है। इसी भावनात्मक जुड़ाव ने सोशल मीडिया अभियान को सिर्फ़ एक प्रचार नहीं, बल्कि एक सकारात्मक संवाद का रूप दे दिया।