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नईदिल्ली(ए)। देश में जंगली हाथियों की पहली बार हुई डीएनए आधारित गणना के मुताबिक इनकी संख्या में 18 फीसदी की कमी आई है। इसके मुताबिक, भारत में जंगली हाथियों की संख्या 22,446 है, जो 2017 के 27,312 से कम है। अखिल भारतीय समकालिक हाथी अनुमान (एसएआईईई) 2025 के अनुसार भारत में जंगली हाथियों की संख्या 18,255 से 26,645 के बीच होने का अनुमान है, जिसका औसत 22,446 है।
पर्यावरण मंत्रालय, प्रोजेक्ट एलीफेंट और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से किया गया 2025 का यह सर्वेक्षण भविष्य की निगरानी और संरक्षण योजना के लिए एक नयी वैज्ञानिक आधार स्थापित करता है। नई गणना में जमीनी सर्वेक्षण, उपग्रह आधारित मानचित्रण और आनुवंशिक विश्लेषण को मिलाकर तीन चरणीय प्रक्रिया का उपयोग किया गया।
शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानों में 2,062 हाथियों का निवास
रिपोर्ट के मुताबिक शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानों में 2,062 हाथियों का निवास है, जबकि मध्य भारत और पूर्वी घाटों में 1,891 हाथी रहते हैं। आंकड़ों के मुताबिक कर्नाटक में सबसे अधिक 6,013 हाथियों का पर्यावास है, जिसके बाद असम (4,159), तमिलनाडु (3,136), केरल (2,785) और उत्तराखंड (1,792) का स्थान है। ओडिशा में 912 हाथी हैं, जबकि छत्तीसगढ़ और झारखंड में संयुक्त रूप से 650 से अधिक हाथी हैं। पूर्वोत्तर राज्यों जैसे अरुणाचल (617), मेघालय (677), नगालैंड (252) और त्रिपुरा (153) में भी हाथियों की कुछ आबादी है।
शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानों में 2,062 हाथियों का निवास
रिपोर्ट के मुताबिक शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानों में 2,062 हाथियों का निवास है, जबकि मध्य भारत और पूर्वी घाटों में 1,891 हाथी रहते हैं। आंकड़ों के मुताबिक कर्नाटक में सबसे अधिक 6,013 हाथियों का पर्यावास है, जिसके बाद असम (4,159), तमिलनाडु (3,136), केरल (2,785) और उत्तराखंड (1,792) का स्थान है। ओडिशा में 912 हाथी हैं, जबकि छत्तीसगढ़ और झारखंड में संयुक्त रूप से 650 से अधिक हाथी हैं। पूर्वोत्तर राज्यों जैसे अरुणाचल (617), मेघालय (677), नगालैंड (252) और त्रिपुरा (153) में भी हाथियों की कुछ आबादी है।