नईदिल्ली(ए)। विदेश मंत्रालय ने एक नया प्रवासन सुविधा और कल्याण विधेयक, 2025 का मसौदा जारी किया है, जो 1983 के पुराने प्रवासन कानून की जगह लेगा। नए कानून का मकसद विदेश में नौकरी या काम के लिए जाने वाले भारतीयों की सुरक्षा, सुविधा और अधिकारों की रक्षा करना है। मंत्रालय ने कहा कि नया कानून पुराने, सख्त नियमों से आगे बढ़कर अब लोगों की भलाई पर केंद्रित प्रणाली बनाएगा, ताकि विदेश में काम करने वालों का शोषण और धोखाधड़ी रोकी जा सके। इस विधेयक के तहत प्रवासन और कल्याण परिषद बनाई जाएगी, जो नीतियां तैयार करेगी, विदेश जाने वालों का केंद्रीय रजिस्टर रखेगी और अलग-अलग विभागों के बीच तालमेल बनाएगी। इसके अलावा, सहायता केंद्र खोले जाएंगे, जहां विदेश जाने वालों को जरूरी जानकारी, प्रशिक्षण और मदद मिलेगी। विधेयक में गैरकानूनी प्रवासन और मानव तस्करी रोकने के लिए सख्त प्रावधान हैं। जो भर्ती एजेंसियां नियम तोड़ेंगी, उन पर भारी जुर्माना और कार्रवाई होगी।
भारत लौटने पर पुनर्वास-रोजगार की व्यवस्था
यह कानून विदेश से लौटने वाले भारतीयों की मदद के लिए भी ढांचा तैयार करेगा, ताकि उनका पुनर्वास और रोजगार में वापसी सुगम हो सके। सरकार का कहना है कि इस कदम से भारत न सिर्फ अपने प्रवासी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय प्रतिभा की मांग को भी बेहतर दिशा में बढ़ाएगा।