नईदिल्ली(ए)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि खादी केवल पोशाक नहीं होती, बल्कि ‘स्वदेशी’ और ‘आत्मनिर्भरता’ की भावना होती है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह आजादी के बाद खादी को भूल गई और उसे बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं किया। गृह मंत्री ने शुक्रवार को यहां ‘खादी कारीगर महोत्सव’ को संबोधित करते हुए यह बात कही। इससे पहले उन्होंने रोहतक में नवनिर्मित साबर डेयरी प्लांट का उद्घाटन किया। देश पर कई दशकों तक राज करने वाली कांग्रेस का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस खादी को भूल गई। उन्होंने ने यहां ‘खादी कारीगर महोत्सव’ कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘उसने (कांग्रेस ने) खादी पर ध्यान नहीं दिया और उसके प्रचार-प्रसार के लिए कुछ नहीं किया।”
नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा खादी के प्रचार-प्रसार के लिए उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए गृहमंत्री ने कहा,‘‘मुझे लगता है कि पिछले 11 वर्ष में जो काम किया गया है अगर वह आजादी के बाद लगातार किया गया होता तो हमारे देश को बेरोजगारी की समस्या का सामना कभी नहीं करना पड़ता।” खादी कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि बृहस्पतिवार को ‘गांधी जयंती’ मनाई गई। गृहमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गरीबी दूर करने, देश को आत्मनिर्भर बनाने, देश को स्वदेशी का विचार देने और देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए खादी का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा खादी के क्षेत्र में की गयी शुरुआत ने देश के लाखों बुनकरों के जीवन को बदल दिया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा दिए गए ‘खादी मंत्र’ ने स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी। शाह ने कहा, ‘‘लेकिन इसके बाद, कांग्रेस खादी को भूल गई।”
उन्होंने कहा कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने खादी को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि बाद में प्रधानमंत्री के रूप में मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से नागरिकों को खादी का उपयोग करने का संदेश दिया। गृहमंत्री ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग के वर्तमान कारोबार का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ और परिणाम आपके सामने है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का कारोबार 2014-15 के 33,000 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 1.70 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह बड़ीसंख्या में बुनकरों को रोजगार मुहैया कराने में मदद करता है।” उन्होंने कहा कि देश में कई कंपनियों का इतना बड़ा कारोबार नहीं है। उन्होंने कहा कि खादी के विपणन और पैकेजिंग की एक अच्छी व्यवस्था बनाई गई और लोगों को प्रेरित किया गया।