नईदिल्ली(ए)। बिहार की राजनीति एक बार फिर चुनावी रंग में रंगने को तैयार है। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि राज्य में मतदान दो चरणों में कराया जाएगा। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर 2025 को होगी, जबकि दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर 2025 को संपन्न कराया जाएगा। मतगणना की प्रक्रिया 14 नवंबर 2025 को होगी, और इसी दिन यह तय हो जाएगा कि बिहार की सत्ता की बागडोर किसके हाथ में जाएगी।
आम आदमी पार्टी ने की चुनावी बिगुल की शुरुआत
चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही आम आदमी पार्टी (AAP) ने बिहार में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह इस बार राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। पार्टी के नेताओं का कहना है कि वे दिल्ली और पंजाब में लागू “केजरीवाल मॉडल” को बिहार में लेकर आएंगे, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और भ्रष्टाचारमुक्त शासन जैसे मुद्दे केंद्र में रहेंगे।
जारी की गई पहली सूची में ये नाम शामिल
आम आदमी पार्टी ने जिन 11 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, उनमें डॉक्टर, समाजसेवी, पूर्व सैनिक और युवा नेता शामिल हैं। नीचे देखें पूरी सूची:
प्रत्याशी का नाम विधानसभा क्षेत्र (जिला)- सीट संख्या
डॉ. मीरा सिंह- बेगूसराय (बेगूसराय) 146
योगी चौपाल- कुशेश्वरस्थान (दरभंगा) 78
अमित कुमार सिंह- तरैया (सारण) 116
भानु भारतीय- कसबा (पूर्णिया) 58
शुभदा यादव- बेनीपट्टी (मधुबनी) 32
अरुण कुमार रजक- फुलवारीशरीफ (पटना) 188
डॉ. पंकज कुमार- बांकीपुर (पटना) 182
अशरफ आलम- किशनगंज (किशनगंज) 54
अखिलेश नारायण ठाकुर- सीतामढ़ी 25
अशोक कुमार सिंह- गोविंदगंज (मोतिहारी) 14
पूर्व कैप्टन धर्मराज सिंह- बक्सर (बक्सर) 200
क्या बदलेगा बिहार का राजनीतिक समीकरण?
AAP के इस कदम को बिहार की राजनीति में एक नए समीकरण की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। अब तक राज्य की राजनीति राजद, जदयू, भाजपा और कांग्रेस के इर्द-गिर्द घूमती रही है। ऐसे में आम आदमी पार्टी का पूरे 243 सीटों पर अकेले उतरना अन्य दलों के लिए चुनौती साबित हो सकता है, खासकर शहरी और युवा वोटरों के बीच।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब एक नए मोड़ पर है। जहां एक ओर पारंपरिक राजनीतिक दल अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं, वहीं आम आदमी पार्टी जैसी नई ताकतें बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा और उम्मीद लेकर उतर रही हैं। अब देखना यह होगा कि 14 नवंबर को जनता किसे अपने भविष्य की जिम्मेदारी सौंपती है।